कोटला फिरोजशाह
फिरोजाबाद, फिरोजशाह तुगलक (1351-88) द्वारा निर्मित दिल्ली का पांचवां नगर है जिसे आजकल कोटला फिरोजशाह भी कहते हैं। इसके घेरे की बड़ी बड़ी ऊंची दीवारें हैं जो यमुना नदी के साथ साथ सटी हुई हैं। इसमें पश्चिम में स्थित गढ़गज के मुख्य द्वार से प्रवेश होता है। इसमें महल, स्तंभ लगा हाल, मस्जिद, टावर और बावली (कुआं), बने हुए हैं जिनमें से कुछ की स्थिति अभी भी सही है। जनता के लिए मुख्य मस्जिद, जामा-मस्जिद है जिसका एक बड़ा आंगन है और संपूर्ण संरचना कोठरियों की शृंखलाओं पर बनी हुई हैं। तथापि यह एक पिरामिड-नुमा इमारत है जिसकी प्रत्येक मंजिल का भाग कम होता चला जाता है और जिसकी सबसे उपरी मंजिल पर पत्थर की रेलिंग के बीच अशोक स्तंभ लगाया गया है जो मौर्य-काल से सम्बन्धित है।
स्मारक सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क:- भारतीय नागरिक और सार्क देशों (बंगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफगानिस्तान) और बिमस्टेक देशों (बंगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलेंड और म्यांमार) के पर्यटक- 15/-रूपए प्रति व्यक्ति
अन्य-200/- रूपए प्रति व्यक्ति
(15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रवेश नि:शुल्क है)।