पुरातत्व संस्थान

पुरातत्व विज्ञान, पुरालेखशास्त्र, मुद्राशास्त्र, संग्रहालय विज्ञान, संरक्षण, पुरातत्वीय कानून आदि के बहु विषयक क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण देने के लिए स्कूल ऑफ आर्कियोलोजी जिसकी स्थापना 1959 में की गई थी, का उन्नयन करके वर्ष 1985 में इंस्टीच्यूट ऑफ आर्कियोलोजी की स्थापना की गई। संस्थान में संचालित पुरातत्व विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा दो वर्षों की अवधि का है। इसे संस्थान के संकाय सदस्यों तथा अतिथि व्याख्यान के रूप में देश के प्रख्यात पुरातत्वविदों के द्वारा संचालित किया जाता है।
डॉ.संजय कुमार मंजुल
संयुक्त महानिदेशक
फोन: 0120-2333101
dirins.asi[at]gmail[dot]com
श्री सुजीत नयन
उप अधीक्षण पुरातत्वविद्
फोन: 0120-2333107
sujeetnayan.asi[at]gov[dot]in
- 2O18-20 के वर्ष के लिए चयनित पीजीडीए छात्रों की अंतिम सूची
- शुद्धिपत्र (पीजीडीए कोर्स 2018-20 के परिणाम)
- पीजीडीए पाठ्यक्रम 2018-20 का नतीजा
- दो साल के लिए स्नातकोत्तर डिप्लोमा पुरातत्व पाठ्यक्रम सत्र 2018-20 में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित किया जाता है
- समाचार पत्रों के लिए नीलामी नोटिस।
- बैच 2017-19 के लिए पीजी डिप्लोमा में लिखित परीक्षा का नतीजा
- 2017-19 के वर्ष के लिए पीजीडीए छात्रों की अंतिम सूची
- पीजीडीए के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए मॉडल प्रश्न पत्र
- पीजीडीए के लिए पाठ्यक्रम
- मानव संसाधन विकास नीति (एचआरडी)
- घटनाक्रम अंडर एचआरडी नीति 2015-2016 में आयोजित की गई.
- विश्वविद्यालयों / lnsitutions / राज्य सरकारों / गैर सरकारी संगठनों के पुरातत्व विभागों के प्रस्तावों को आमंत्रित करना आदि